एक गिलहरी थी जिसे पेड़ पर चढ़ने में महारत हासिल थी। अब इसमें क्या अजीब बात है! नहीं, अजीब ये हुआ कि उसे एक चिड़िया से प्यार हो गया। तो आदतन नहीं बल्कि शौकिया रूप से वो गिलहरी उड़ने लगी। उसके साथ की गिलहरियों ने, यहां तक कि उस चिड़िया ने भी बहुत समझाया लेकिन आशिकी का जिन्न जो न करवाए वो कम।
अब इस चिड़िया को भी अपनी गिल्लो का पेड़ पर चढ़ना अखरने और उड़ना भाने लगा। धीरे धीरे गिलहरी का शौक आदत और आदत फितरत में तब्दील हो गई। गिलहरी ने अपनी पहचान और अस्तित्व को धुएं में उड़ा दिया। उपलब्धि के नाम पर लोगों ने उसे फ्लाइंग स्क्विरल (उड़ती गिलहरी) नाम दे दिया बस।
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