खान पान इतना अव्यवस्थित हो गया है कि अपच एक आम बीमारी के रूप में डिमोट हो गई है। लेकिन क्या बता सकते हैं कि पचाने के लिहाज से सबसे क्लिष्ट क्या है? तेल, घी, मसाले, मिर्च, मांस या मदिरा ?
जी नहीं, सफलता!!!
असफलता को सहना जितना मुश्किल है उससे कहीं अधिक दुर्गम है कामयाबी को दिल और दिमाग तक ही रहने देना। सर चढ़ कर बोलने को अमादा रहती है ये। इससे अधिक खतरनाक है कि ये जठराग्नि जाने क्या क्या जला कर राख कर देती है - संस्कार, व्यवहार, परिवार इत्यादि। हमे खुद तो इसका पता नहीं चलता और मजाल कि हम जैसे कामयाबी के नवीनो को कोई और आइना दिखा सके।
अपनी मंज़िल पे पहुँचना भी खड़े रहना भी
कितना मुश्किल है बड़े हो के बड़े रहना भी